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Tuesday 25 October 2011

मेरी त्वरित टिप्पणियां और लिंक -5


तन्मात्रा हो हे सखी, शब्द, रूप, रस, गन्ध |
सस्पर्श पञ्च-भूतियाँ, सांख्य-मत से बन्ध ||

कार्य में अपने हे सखी, रहो सदा लवलीन |
तन्नी नित खुरचा करे, मन-पट हुई मलीन ||


 हरिगीतिका छंद 
भारतीय नारी  
बड़े-बुजुर्गों से मिले, व्यवहारिक सन्देश |
पालन मन से जो करे, पावे मान विशेष ||

2 comments:

  1. बड़े-बुजुर्गों से मिले, व्यवहारिक सन्देश |
    पालन मन से जो करे, पावे मान विशेष ||

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  2. बड़े-बुजुर्गों से मिले, व्यवहारिक सन्देश |
    पालन मन से जो करे, पावे मान विशेष ||
    बढ़िया प्रस्तुति|

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